देवदूत बनकर पहुंचे ग्रामीणों ने बचाई एक परिवार की जान
परनाली नदी की बाढ़ में घिर गया था 12 सदस्यीय परिवार
ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर जान बचाने का कर रहे थे जतन, बहाव तेज होने से ट्राली भी पानी में लगी थी तैरने
हरदा। 2 दिनों तक लगातार हुई बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नाले पूरी तरह से उफान पर आ गए हैं। नर्मदा नदी अपने रौद्र रूप में बहने के कारण इन सहायक नदी नालों का पानी खाली नहीं होने से यह लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गये है। जिले की हंडिया तहसील के ग्राम रिजगांव मैं एक टप्पर पर परनाली नदी कि बाढ़ में 12 सदस्यीय परिवार पूरी तरह से घिर गया। किसी तरह उन्होंने ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। परंतु नदी का बहाव तेज होने के कारण ट्राली भी पानी में तैरने लगी। ऐसी स्थिति में उन्होंने ग्राम के भगत सिंग लेगा से मदद की गुहार लगाई।
श्री लेगा ने प्रशासनिक अधिकारियों को फोन लगाकर स्थिति से अवगत कराते हुए मदद मांगी थी। परंतु लंबा समय बीतने के बावजूद जब कोई सहायता मिलती दिखाई नहीं दी तो उन्होंने खुद ही बाढ़ में फंसे इन लोगों को बचाने की जद्दोजहद शुरू की। उन्होंने रिजगांव के तालाब से दो डोंगे निकालकर उन्हें आपस में जोड़ दिया। इसके पश्चात लगभग आधा किलोमीटर तक डोंगा लेकर इन परिवार के सदस्यों को डोंगे में बिठाकर रात लगभग तीन बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
परनाली नदी के बाढ़ के पानी में रामकिशन पिता सवाई सिंह, लीलाबाई पति राम किशन, माखन, मदन, सावित्री सहित लगभग 6 बच्चे घिरे हुए थे जिनको बचाया गया। इस सराहनीय कार्य में पंचायत सचिव भगत लेगा के अलावा राजू ढीमर, लक्ष्मण सिंह कलम, बलराम लेगा, रामचंद्र बागवा, सुनील सांखला, सुमेर सिंह ठाकुर, लक्ष्मण सिंह, बलराम ढीमर, अनार सिंह आदि का विशेष योगदान रहा।
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