भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ मध्यस्थों को छोड़कर की जा रही कार्रवाई में प्रतिदिन बड़े-बड़े अधिकारी ट्रैप हो रहे हैं अभी तक लोकायुक्त पुलिस छोटे-मोटे कर्मचारीयों को पड़कर वाह वही लूट रही थी, वही बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की जाने से बड़े अधिकारी पकड़ा रहे हैं जो की भ्रष्टाचार के मामले में वास्तविक दोषी है । आज लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एक नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते करेंगे हाथों गिरफ्तार किया है ।
मामला सीधी जिले के मझौली के नायाब तहसीलदार बाल्मीक साकेत का बताया जा रहा है जो कि नामातंरण के लिए 25 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किये गये है । लोकायुक्त संगठन रीवा के द्वारा ट्रेप कार्रवाई की गई जो कि समाचार लिखे जाने तक जारी है। इस पूरी कार्रवाई को लेकर लोकायुक्त डीएसपी प्रबेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 19 दिसंबर को शिकायतकर्ता प्रवेश शुक्ल ने लोकायुक्त कार्यालय रीवा में आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि मझौली में पदस्थ नायब तहसीलदार वाल्मीकि प्रसाद साकेत द्वारा उनकी जमीन का नामांतरण करने के एवज में 50 हजार मांगे जा रहे हैं। बताया गया है की शिकायत के सत्यापन के दौरान भी नायब तहसीलदार द्वारा 50 हजार मांगे जा रहे थे जिसके बाद 7000 बतौर एडवांस ले लिए गए थे जबकि 25 हजार की राशि लेते हुए आज रंगे हाथों उन्हें ट्रैप किया गया है ट्रैप की यह कार्रवाई सीधी जिले के मझौली में की गई है फिलहाल यह कार्रवाई अभी जारी है। शिकायत की पुष्टि के बाद आज रीवा लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने यह कार्रवाई की है। कार्रवाई रीवा लोकायुक्त डीएसपी परमेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में हुई है। लोकायुक्त रीवा की टीम आरोपी नायब तहसीलदार को लेकर मझौली से सीधी के लिए रवाना हुई है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के विभिन्न अधिनियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
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