भारत सरकार के कृषि संबंधित अध्यादेशों में संशोधन को लेकर भाकिसं ने सौंपा सांसद को ज्ञापन
भारतीय किसान संघ जिला बैतूल एवं जिला हरदा द्वारा क्षेत्रीय सांसद श्री दुर्गादास उइके को सरकार द्वारा लाये गए कृषि से सम्बंधित तीन अध्यादेशों में संशोधन हेतु ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें किसान संघ द्वारा दिये गए सुझावो के आधार पर अध्यादेशों में संशोधन किये जाने हेतु आगामी लोकसभा सत्र में भारतीय किसान संघ जिला बैतूल एवं जिला हरदा की तरफ से दिए गए सुझावो को संसद सत्र में रखने हेतु सांसद श्री उइके द्वारा आश्वस्त किया गया है ।
भारतीय किसान संघ ने सांसद श्री उईके को सौपे अपने ज्ञापन ने कहा कि देश में उत्पादित कुछ प्रमुख कृषि उपजो पर सरकार एम एस पी तय करती है, साथ ही उसके मूल्य से नीचे वह कृषि उपज का विक्रय सरकारी मंडियों में नहीं हो, जो कृषि उपज निर्धारित मानक की गारंटी देते हुए उसे ऐसा करने पर दंड भी मंडी अधिनियम 1956 तय करता है। फिर केवल गेहूं, धान को छोड़कर कुछ समय के लिए बाकी सभी जिंस समर्थन मूल्य से नीचे बिकती है और जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा मानक का हवाला दिया जा कर न्यायपालिका को भी संतुष्ट करने का अपराध लगातार किया ही जा रहा है। भाकिसं ने कहा कि हम सब जो जानकर भी मौन हैं, इसके भागीदार हैं ।
भारतीय किसान संघ ने अपने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से निवेदन किया कि समर्थन मूल्य की घोषणा ही नहीं पालन की भी अनिवार्यता होना चाहिए। सभी घोषित कृषि उपजो का मानक परीक्षण आधुनिक मशीनों द्वारा अनिवार्यता से हो । भाकिसं ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए ज्ञापन में अंत में लिखा कि आज देश का किसान विधायिका से हार कर न्यायपालिका की शरण में जाने को मजबूर है तो इंडिया शाइनिंग और फील गुड जैसे स्लोगन भ्रम के कुएं ही साबित ना हो जाए।
संघठन के पदाधिकारियों द्वारा कहा गया कि यदि किसान संघ द्वारा दिये गए सुझावो को दरकिनार किया जाता है तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
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