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गांवों में ओर खेतों में चल रही नाव, नागरिक कल से घर की छतों पर

मकानों ओर खेतों में पहुंची नर्मदा

गांवों में ओर खेतों में चल रही नाव, नागरिक कल से घर की छतों पर


राहत की अपील

हरदा - जिले में हुई लगातार बारिश ओर नर्मदा नदी के कैचमेंट एरिया में हुई बरसात के चलते खोले गये बांधों का पानी नर्मदा नदी ओर उसकी सहायक नदियों में पहुंचने के कारण जिले के अनेकों ग्राम जलमग्न हो गए है। हालात यह है कि गांव की सड़कों ओर खेतों में अच्छा खासा बाढ़ का पानी आने के कारण नाव चल रही है। वहीं मकानों में पानी भर जाने के कारण ग्रामीण अपने घरों की छतों पर दो दिनों से रहने को मजबूर है। बाढ़ के चलते एक दो वर्षीय बालक की घर के आंगन में डूबकर मौत हो गई है।

जिले में प्रशासन मुस्तैदी के साथ राहत कार्यों में लगा है किंतु अनेकों बाढ़ प्रभावित गांवों में नागरिकों के खाने पीने की सामग्री तक बह गई है। पानी के अभी कम होने की संभावना नजर नहीं आ रही है वहीं मौसम विभाग ने फिर  तेज बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। हरदा जिले में हुई लगातार बारिश के चलते सभी किस्म की फसलें दम तोड़ चुकी है।

हंडिया में तहसील कार्यालय से लेकर अस्पताल ओर बैंक तक जलमग्न हो चुकी है। हालांकि तहसील कार्यालय में कर्मचारियों ओर पटवारीयों की सजगता के चलते कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ है। जिले के समस्त प्रशासनिक अधिकारी लगातार अपडेट लेते हुए स्थिति पर नजर रखे हुए है। नर्मदा नदी से लगे ग्रामों में पटवारीयों के दल विगत दो दिनों से तैनात होकर मुस्तैदी के साथ राहत कार्यों में लगे है। पल पल की अपडेट अधिकारियों को उपलब्ध करवा रहे है।

टिमरनी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी सेवाएं बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में देने पहुंच गए है ओर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनीत गीते के साथ अन्य पदाधिकारी भी कुछ राहत सामग्री लेकर पहूंचे है। छिपानेर सहित आसपास के गांवों में खेत में चारों ओर पानी पानी हो गया पूरी सोयाबीन डूब चुकी है और खेत में बने मकान मैं पानी भर चुका है। टिमरनी क्षेत्र के सामाजिक लोगों ने सहयोगी संस्थाओं से अपील करते हुए बताया कि टिमरनी तहसील के ग्राम लछोरा शमशाबाद जलोदा में बहुत भयानक हालात है, ग्राम के अंदर लगभग 15 फिट से ऊपर पानी है जिससे समस्त ग्रामवासी बहुत परेशान है ।उन्होंने कहा कि राहत सामग्री की बहुत जरूरत है, घरों के अंदर कुछ भी नही बचा है । कृपया सेवाभावी व्यक्ति संस्था संज्ञान ले कर ग्रामीणों की मदद करें। कमोबेश यही हालत सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामों में है।

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