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स्कूली बच्चों ने निर्यापक मुनिश्री वीरसागरजी महाराज से समझा जीवन के उद्देश्य, पंच लक्षण एवं संस्कार को कैसे करें प्राप्त


हरदा (सार्थक जैन)।
नगर के श्री दिगम्बर जैन मंदिर स्थित श्री विद्या निलयम् में विराजमान परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि 108 श्री वीरसागर जी महाराज से आज नगर के स्कूली बच्चों ने जीवन के उद्देश्य, पंच लक्षण एवं संस्कार को कैसे प्राप्त करें विषय पर व्याख्यान सुन अपनी जिज्ञासाओं को मुनिश्री के समक्ष रखा ओर उसका समाधान प्राप्त किया।

उक्त जानकारी देते हुए जैन समाज हरदा के कोषाध्यक्ष राजीव रपरिया एवं सहसचिव संजय पाटनी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत में मुनिश्री ने प्रार्थना कुछ हो ना हो के माध्यम से बच्चों को जीवन का उद्देश्य समझाया । मुनिश्री ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार एक छोटा सा छेद भी नाव को डुबो देता है, वैसे ही हमारी एक छोटी सी कमजोरी हमारे पतन का कारण बन जाती है । आप में सबसे बड़ी कमी है आपका मन आपके काबू में नहीं रहता, आपको नित नए विचार आते हैं। इस उम्र में दोस्तों को दिखाने का भाव पैदा होने लगता है, यह पॉइंट हमें भटकाने वाले होते हैं। आगे आने वाले समय में आपको ऐसे दोस्त मिलेंगे जो आपको भटकाएंगे पर आपको अपने आप को नियमों में बांध कर खुद पर नियंत्रण रखना है । जो आपके आदर्श हो उनके सामने आप नियम लैतै है, तो आपके मन में दृढ़ता आयेगी ओर आप भटकने सै बचेंगे। बच्चों में स्वान निद्रा, काक चेष्टा ,ब्रह्मचारी का गुण होता है।

मुनिश्री वीरसागरजी ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि आज सभी एंड्रॉयड मोबाइल उपयोग करते है,ये सबसे अधिक भटकाने  वाला होता है। इस उम्र में आपकी बॉडी में हार्मोनल चेंजेस होने लगते है, इस age में माता पिता से फ्रेंड्स अच्छे लगने लगते है। इस उम्र में बच्चे बेल की भांति होते है,उसे रस्सी के सपोर्ट की तरह होती है, एक बच्चा अपने आप को प्रोटेक्टेड शील्ड से अपने आप को बचाता है, जो नियम में बंधने सै ही संभव होता हैं । गुरु के सामने लिया गया नियम,ऐसा ही कवच होता हैआपको हमेशा बचा के रखेगा। जैसे ही बच्चा हॉस्टल में जाने लगता है उसे नए नए दोस्त मिलने लगते है, सीनियर कुछ ऑफर करेंगे,कहेंगे जीवन एक बार ही मिला है। अपनी लाइफ में कभी भी व्यसन को ना आने दे। एक दूसरे के प्रति आभार का भाव रखें, चाहे वह प्रकृति हो या हमारे मित्र या हमारे शिक्षक, सभी से हमने कुछ ना कुछ पाया है । इनकी प्रति आभार का भाव हमेशा बनाए रखें।

आज माइंड्स आई इंटरनेशनल स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर एवं फाउंडेशन ऑफ एजुकेशन मदरर्स लैब स्कूल के विद्यार्थी मुनिश्री वीरसागरजी महाराज से मिलने आये थे । इस दौरान बच्चों के साथ आये स्कूल के शिक्षकों ओर संचालकों ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर बच्चों को संस्कार देने पर आभार व्यक्त किया।






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