हरदा (सार्थक जैन) । भारत विकास परिषद की प्रांतीय स्तर की प्रतियोगिता "भारत को जानो" हरदा जिले में दिनांक 10 नवंबर को आयोजित होगी जिसमें प्रदेश भर के 40 से 50 जिलों से प्रतियोगी आयेंगे । उक्त जानकारी देते हुए परिषद से जुड़े नगर के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी देवेन्द्र दुआ एवं दीपक नेमा ने बताया कि भारत विकास परिषद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक अनुवांशिक संगठन है जो लगातार समाज के बीच में सेवा, शिक्षा इत्यादि कार्य करता है। भारत विकास परिषद के पांच सूत्र हैं जिनके आधार पर वह अपने सेवा कार्यों को समाज के बीच करता है जो कि संपर्क, सहयोग ,संस्कार, सेवा एवं समर्पण पर केन्द्रीत है। हरदा जिले में गत 17 वर्षों से भारत विकास परिषद कार्य कर रहा है प्रतिवर्ष स्कूल के विद्यार्थियों के लिए भारत को जानो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ।
श्री दुआ ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर में भारत विकास परिषद के द्वारा मंदबुद्धि बच्चों को शिक्षा कई वर्षों से प्रदान की जा रही है ।वार्षिक कार्यक्रम के तहत गुरु वंदन- छात्र अभिनंदन के अंतर्गत प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान एवं उनको शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुजनों का अभिनंदन किया जाता है । वार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय समूह गान भारतीय वाद्य यंत्रों पर सामूहिक गायन किया जाता है तथा प्रतिवर्ष होने वाली भारत को जानो प्रतियोगिता आयोजित होती है जो हरदा जिले में संपन्न हो चुकी है ।
श्री नेमा ने बताया कि जिलों से प्रतियोगिता में चुने गए विनर को प्रांत स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलता है ।भारत विकास परिषद की पुस्तक "भारत को जानो" में से प्रश्न पूछे जाते हैं।हरदा जिले में दिनांक 10 नवंबर को प्रांतीय स्तर की प्रतियोगिता होने जा रही है जिसमें विभिन्न जिलों के 40 से 50 प्रतियोगी हरदा आएंगे ।यह कार्यक्रम "द फाउंडेशन ऑफ एजुकेशन" मदर्स लेप स्कूल में आयोजित किया जाएगा ।यह प्रतियोगिता छह राउंड में होगी । प्रश्न उत्तर ,रैपिड फायर ,ऑडियो, वीडियो, बजर राउंड इत्यादि से संपन्न होगी फर्स्ट सेकंड एवं थर्ड विनर को भारत विकास परिषद द्वारा मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।जो रीजन के लिए चयनित होंगे ।
श्री दुआ ने परिषद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसकी स्थापना 1963 में हुई थी और तब से परिषद के सदस्य वंचित समाज के लिए निरंतर सेवा कार्य कर रहे हैं। ‘भारत को जानो’ प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में देश के प्रति प्रेम, गर्व और समर्पण के भाव को जागृत करना तथा उनकी संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। परिषद से जुड़े आर्किटेक्ट इंजीनियर अरविंद हरणै ने कहा कि प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को अनुशासित रहने और अपनी संस्कृति और महापुरुषों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
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