हरदा (सार्थक जैन)। नगर की दिगम्बर जैन समाज में हर्षोल्लास का वातावरण बना हुआ है । जैन धर्मावलंबियों द्वारा विश्वशांति की कामना को लेकर संगीतमय समवशरण महामंडल विधान का तीन दिवसीय संगीतमय आयोजन किया जा रहा है । समवशरण महामंडल विधान के दूसरे दिन आज मुनिश्री वीरसागरजी महाराज ने समवशरण का महत्व बताते हुए कहा कि समवशरण में आये सभी प्राणी अपना बैर भाव भूलकर मित्रवत हो जाते है। भाई - बंधु, सगे - संबंधियों के साथ ही सभी प्राणी जो समवशरण में आते है उनमें तीर्थंकर भगवान की उपस्थित ओर समवशरण के प्रभाव से सभी आपस में बैर भाव, ऊंच नीच आदि का भेद समाप्त हो जाता है। समवशरण में कोई छोटा बड़ा नहीं होता है, सभी एक समान होते है ओर एक साथ बैठकर भगवान की दिव्य देशना का श्रवण करते है ।
आज समवशरण मंडल विधान के दूसरे दिन चौसठ रिद्धि सिद्धि के साथ मुनिश्री वीरसागरजी के मुखारबिंद से विश्व कल्याण ओर शांति के लिए वृहद शांतिधारा की गई जिसका सौभाग्य आठ परिवारों को प्राप्त हुआ जिसमें सुरेन्द्र जैन, पवन सिंघई, अंकित सिंघई, चेतन लहरी, सुनील पाटनी,अजय कठनेरा, चिद्रुप भैया, हेमंत जैन परिवारों को प्राप्त हुआ ।
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