रीवा : कल पत्रकार के साथ गुंडागर्दी करने व केश में फ़साने कि धमकी देने वाले प्रधान आरक्षक सत्येंद्र तिवारी को पुलिस अधीक्षक ने लाइन अटैच कर दिया है । मामला यह है कि सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू और प्रधान आरक्षक सतेंद्र तिवारी द्वारा वरिष्ठ छायाकार एवं पत्रकार संदीप जाडिया के साथ अभद्रता और हाथापाई की गई थी। घटना तब हुई जब पुलिस द्वारा रीवा शहर की कबाड़ी मोहल्ला में काफी संख्या में पुलिस मौजूद थी पत्रकार होने के नाते संदीप जड़िया भीड़ में पहुंच गए और फोटो खींचने लगे तभी उनके साथ टी सिविल लाइन और प्रधान आरक्षक ने बदसलूकी करते हुए कैमरा छुड़ा लिया छीना झपटी की और एनडीपीएस एक्ट में फंसने की धमकी दिए पत्रकारों का आरोप है कि कवरेज के दौरान पुलिस ने न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें एनडीपीएस (मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम) के मामले में फंसाने की धमकी भी दी है घटना के बाद काफी संख्या में पत्रकार एकत्रित होकर सिविल लाइन थाना के सामने धरने पर बैठ गए थे।
तीन घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठे पत्रकार : पत्रकार के साथ हुई अभद्रता के बाद इस घटना के विरोध में रीवा के सभी वरिष्ठ और युवा पत्रकार प्रिंट इलेक्ट्रानिक धरने पर बैठे, और दोषी पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग करने लगे लगभग 3 घंटे से अधिक समय तक पत्रकार सिविल लाइन थाना के सामने धरने पर बैठे रहे रात लगभग 9:30 बजे पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने पत्रकारों से घटना की जानकारी ली ओर आश्वस्त किया था कि दोषी को बक्शा नहीं जायेगा । जिसके चलते पुलिस अधीक्षक ने आज प्रधान आरक्षक सत्येंद्र तिवारी को पुलिस अधीक्षक ने लाइन अटैच कर दिया है ।
वरिष्ठ अधिकारियों पर उठ रहे सवाल।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के क्षेत्र में पुलिस के इस बेलगाम रवैये ने स्थिति और भी चिंताजनक बना दी है। एक तरफ सरकार और खुद डिप्टी सीएम नशे के विरुद्ध कार्यवाही की जिस पुलिस से उम्मीद कर रहे हैं इसी पुलिस की जमीनी हकीकत यह है कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है आए दिन नशे के विरुद्ध कार्यवाही करके अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस जहां कार्यवाही करने गई थी वहां अवैध नशे का सबसे अधिक व्यापार होता है पत्रकार इसी उम्मीद से वहां पहुंचे थे कि पुलिस कार्यवाही कर रही है इसका कवरेज कर लिया जाए लेकिन पत्रकार को क्या पता कि यहां पर पुलिस की नाकामी से ही यह अवैध नशे का धंधा कई दशकों से चल रहा है।
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