भोपाल। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किसान को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वो बिलकुल स्वस्थ है और रोज अपने खेत में काम करता है। किसान का नाम कुल सिंह है और उसे अब तक 14 बार पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा मिल चुका था। 15वीं बार खाते में रुपए नहीं आए तो किसान अपनी शिकायत लेकर पटवारी के पास पहुंचा।
सामने देखकर हैरान : जब कुल सिंह ने तहसील के पटवारी से बात की और जरूरी कागजी कार्रवाई की तो उसे पता चला कि सरकारी रेकॉर्ड में उसे मृत घोषित कर दिया गया है। यह सुनकर किसान को बहुत धक्का लगा। यह घटना नेपानगर तहसील के डवाली कला गांव की है।
नहीं हुई सुनवाई :कुल सिंह को जब पता चला कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है तो उसने तुरंत तहसील कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। तंग आकर पीड़ित किसान को कलेक्टर कार्यालय जाकर लिखित में शिकायत दर्ज करानी पड़ी।
जीवित देखकर रह गए दंग : यह मामला जब कलेक्टर कार्यालय पहुंचा तो वहां मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए। कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया। साथ ही इस तरह की गलतियों को जल्द से जल्द सुधारने की बात कही।
लापरवाही उजागर : गौरतलब है कि एमपी में आए दिन ऐसे मामले में आते रहते है। अधिकारियों की छोटी सी चूक की वजह कागजों में कई लोगों को जीते जी मार दिया जाता है। इसके बाद दस्तावेजों को ठीक करवाने के लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। अब किसान भी ऐसे ही इस दफ्तर से उस दफ्तर तक घूम रहा है। साथ ही किसान सम्मान निधि की राशि भी उसे नहीं मिल रहा है।
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