हरदा: विजयादशमी के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नगर हरदा के स्वयंसेवकों ने ऐतिहासिक पथ संचलन का आयोजन किया। यह संचलन संघ के शताब्दी वर्ष में प्रवेश के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें संघ की 'शून्य से शतक तक' की अद्भुत यात्रा की झलक प्रस्तुत की गई। संचलन का प्रारंभ नेहरू स्टेडियम से हुआ, जो अस्पताल चौराहा, नारायण टॉकीज चौक, घंटाघर, खेडीपुरा, बेलदार मोहल्ला, प्रताप टॉकीज, सिंधी कॉलोनी होते हुए नेहरू स्टेडियम पर समाप्त हुआ।
शताब्दी की यात्रा: संघ के योगदान को किया गया स्मरण -इस विराट आयोजन से पूर्व नेहरू स्टेडियम में स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ, जहां आरएसएस के प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने संघ की स्थापना से लेकर आज तक के सफर को विस्तार से समझाते हुए बताया कि कैसे 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने कुछ चुनिंदा स्वयंसेवकों के साथ इस संगठन की नींव रखी थी। उन्होंने संघ के उद्देश्यों, समाज जीवन में इसके योगदान और पांच पीढ़ियों के त्याग और समर्पण की बात करते हुए बताया कि आज संघ समाज के सभी क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। श्री गुप्ता ने सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन जैसे पंच परिवर्तन के महत्वपूर्ण विषय पर भी स्वयंसेवकों को जागरूक किया।
विराट संचलन में 3321 स्वयंसेवकों की अनुशासित भागीदारी : कुल 3321 स्वयंसेवकों ने इस ऐतिहासिक पथ संचलन में भाग लिया, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरा। पूरे संचलन के दौरान स्वयंसेवकों ने अनुशासन का अद्भुत परिचय दिया। तेज बारिश के बावजूद घोष दल के साथ स्वयंसेवक कदमताल करते रहे। संचलन के मार्ग में कई स्थानों पर नागरिकों द्वारा स्वयंसेवकों का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। देशभक्ति के गीतों और सजीव झांकियों के माध्यम से अनेक विद्यालयों सामाजिक संगठनों और व्यवसाईयों एवं माताओ बहनों ने स्वयंसेवकों का स्वागत किया। संघ का यह पथ संचलन केवल एक कार्यक्रम न होकर समाज में एकता, अनुशासन और देशभक्ति का संदेश लेकर आया। संघ के जिला कार्यवाह गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, “नगर के सभी स्वयंसेवक ने कई महीनों से इस आयोजन की प्रतीक्षा कर रहे थे । समाज के सभी वर्गों ने भी बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाया और सामाजिक एकता का परिचय दिया।”
आगे के कार्यक्रम: संघ की शताब्दी के वर्ष भर के आयोजन - श्री राजपूत ने आगे बताया कि संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आगामी दिनों में और भी कई कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिनमें समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। संघ के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव और देशभक्ति की भावना को और मजबूत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि संघ का यह ऐतिहासिक पथ संचलन न केवल संघ के अनुशासन और एकजुटता का प्रतीक बना, बल्कि समाज में संघ के प्रति श्रद्धा और समर्थन को और अधिक सशक्त किया। शताब्दी वर्ष का यह प्रारंभ हरदा नगर के इतिहास में एक विशेष अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।
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