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MP के 3.50 लाख कर्मचारियों, पेंशनर्स को मिलेगी एक और वेतनवृद्धि, हाईकोर्ट ने शासन को दिया नोटिस, कहा 4 सप्ताह में दे लाभ


"यह उस याचिका का फैसला है, जिनका इन्क्रीमेंट पांचवे वेतनमान मे फरवरी से जून के बीच लगते थे और छठे वेतनमान मे नियम 9 के तहत सभी की इन्क्रीमेंट डेट 1जुलाई कर दी गई,  इससे ऐसे कर्मचारियों को इन्क्रीमेंट का लाभ 13से 17माह बाद मिला। माननीय कोर्ट ने ऐसे कर्मचारियो के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि कर्मचारियों को 1.1.2006 को छठे वेतनमान मे 1अतिरिक्त इन्क्रीमेंट लगाकर अगली वेतन वृद्धि की तारीख 1 जुलाई निर्धारित की जाए। मध्यप्रदेश सरकार ने 2012 मे केवीनेट से अनुमोदन के बाद भी आदेश जारी नहीं किया था, जबकि छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश सरकार ने यह आदेश जारी कर दिए थे, माननीय कोर्ट ने उक्त दोनों राज्यों के जारी आदेश का अनुसरण कर कर्मचारी  हित मे निर्णय 4सप्ताह मे लेने का फैसला सुनाया है। इसका लाभ उन्ही को मिलेगा, जिनका इन्क्रीमेंट डेट पांचवा वेतनमान मे फरवरी से जून के बीच का होगा. यह आदेश सभी विभाग के लिए कर्मचारियों, तथा जो रिटायर हो गए है सब पर लागू होगा।"

जबलपुर/भोपाल. वर्ष 2005 से पहले एक जनवरी से एक जुलाई के बीच नियुक्त एमपी के लगभग 2 लाख कर्मचारी व 1.50 लाख पेंशनरों को 5वें वेतनमान में एक वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा. पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश वाली युगल पीठ ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सरकार को नोटिस देकर 4 सप्ताह में कर्मचारियों-पेंशनरों को वेतनवृद्धि कर 6वें वेतनमान में वेतन का निर्धारण करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी एडवोकेट जनरल को सौंपी है.

एसोसिएशन ने जबलपुर हाईकोर्ट में 5 अक्टूबर को रिट पिटिशन दायर की थी. जिस पर यह फैसला आया है. जिसमें कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार पूर्व में फिक्सेशन कर चुकी है लेकिन लाभ नहीं दिया. इस पर कोर्ट ने तय सीमा में लाभ देने के निर्देश दिए हैं. एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी और प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने बताया कि मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 9 के अनुसार वेतनवृद्धि एक समान (1 जुलाई) करने के कारण कर्मचारियों को 6वें वेतनमान में 13 से 18 महीने बाद वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ मिला है. यह मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने 6वें वेतनमान के नियम में 19 मार्च 2012 को संशोधन कर दिया. जिसमें कहा गया कि जिसकी वेतनवृद्धि 2005 में 1 जनवरी से 1 जुलाई के बीच में होती थी, उन सभी को 5वें वेतनमान में एक वेतनवृद्धि देकर 6वें वेतनमान में वेतन निर्धारण कर 1 जुलाई 2006 को वार्षिक वेतनवृद्धि दी जाए. प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना का कहना है कि याचिका में हमने इसी बात को उठाया है. सरकार इस प्रकरण का हाईकोर्ट के आदेश अनुसार निराकरण करती है तो पेंशनरों को कम से कम 1500 रुपए का पेंशन और कर्मचारियों को कम से कम 3200 रुपए का वेतन में लाभ होगा. 


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