भ्रष्टाचार में लिप्त माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने से रोकने के लिए भाजपा सरकार प्रदेश की पुलिस का लगातार दुरुपयोग कर रही है - विवेक त्रिपाठी
भोपाल । कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जुलाई 2015 में व्यापाम महाघोटाले में लिप्त तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर किए गए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के दौरान हबीबगंज थाने में दर्ज किए गए प्रकरण में न्यायालय ने गुरुवार को सभी 11 कांग्रेस नेताओं को दोषमुक्त करार दिया।प्रकरण में पूर्व विधायक कुणाल चौधरी, कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, और NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ,अमित शर्मा ,अंकित रघुवंशी समेत अन्य नेताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147 एवं 353 (लोक सेवक को उनके कर्तव्य पालन में बाधा डालना ) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था ।
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा "यह न्याय की जीत है। झूठे प्रकरणों के जरिए कांग्रेस नेताओं को डराने और दबाने का जो प्रयास किया गया था, वह असफल हो गया है। हम जनता की आवाज उठाने और उनके हक की लड़ाई लड़ने के अपने संकल्प पर अडिग रहेंगे।"विवेक त्रिपाठी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने व्यापम घोटाले की निष्पक्ष जांच और लगातार हो रही संदिग्ध मौतों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की थी। यह प्रदर्शन मेधावी छात्रो के भविष्य की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम था , व्यापम घोटाले के खिलाफ जनता की आवाज उठाने की वजह से तत्कालीन शिवराज सरकार ने कांग्रेस नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया गया था। लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है।"
त्रिपाठी ने कहा कि "यह फैसला यह साबित करता है कि सत्य की हमेशा जीत होती है। हमें गर्व है कि हमने जनता के मुद्दों के लिए संघर्ष किया और आगे भी करते रहेंगे।" त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि भाजपा सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग से कांग्रेस नेताओं को फंसाने का षड्यंत्र रचा था। सभी झूटे आरोपों को माननीय न्यायलय ने असत्य पाया न्यायालय का निर्णय कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के संकल्प और सत्यनिष्ठा का प्रमाण है।
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